विश्व युद्ध अनाथ दिवस पर जनसेवी अजय सोनकर ने दिया संदेश, कही ये बात
देहरादून। वरिष्ठ भाजपा नेता, प्रसिद्ध जनसेवी एवँ वार्ड संख्या 18 इंदिरा कॉलोनी चुक्खुवाला के पूर्व नगर निगम पार्षद अजय सोनकर उर्फ घोंचू भाई ने 6 जनवरी को मनाए जाने “विश्व युद्ध अनाथ दिवस” के अवसर पर विशेष संदेश दिया है।
“विश्व युद्ध अनाथ दिवस” के अवसर पर जारी अपने संदेश में जनसेवी अजय सोनकर ने कहा कि एक अनाथ बच्चे की मदद करना भगवान की सबसे बड़ी भक्ति है। आइए ‘‘विश्व युद्ध अनाथ दिवस’’ के अवसर पर युद्ध अनाथों को उनके जीवन को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए मिलकर कार्य करें।
अजय सोनकर ने कहा कि विश्व युद्ध अनाथ दिवस हर साल 6 जनवरी को मनाया जाता है। विश्व युद्ध अनाथ दिवस पर, अनाथ बच्चों द्वारा सहन किए गए आघात के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिवस का उद्देश्य जागरूकता फैलाना और युद्ध के अनाथ या संघर्ष में बच्चों द्वारा सामना किए गए संकटों को दूर करना है। अक्सर देखा गया है कि अनाथालयों में बड़े होने वाले बच्चे अक्सर भावनात्मक और सामाजिक भेदभाव का सामना करते हैं। यह दुनिया भर में मानवीय और सामाजिक संकट बन गया है।
उन्होंने कहा कि कोरोनोवायरस महामारी ने दुनिया भर में कई बच्चों के लिए खाद्य असुरक्षा और बुनियादी स्वास्थ्य और स्वच्छता सुविधाओं तक पहुंच जैसे मुद्दों को आगे बढ़ाया है। विश्व युद्ध अनाथ दिवस को ऐसे बच्चों के सामने आने वाले मुद्दों की याद दिलाने और दुनिया को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी के रूप में चिह्नित किया जाता है कि ऐसे बच्चों को भी स्वास्थ्य और शैक्षिक अवसरों तक समान पहुंच प्राप्त हो।
अजय सोनकर ने कहा कि विश्व युद्ध अनाथ दिवस की शुरुआत फ्रांसीसी संगठन SOS Enfants en Detresses द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य संघर्ष से प्रभावित बच्चों की मदद करना था। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के अनुसार, एक अनाथ को “18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसने मृत्यु के किसी भी कारण से एक या दोनों माता-पिता को खो दिया है”।