कॉर्बेट-राजाजी टाइगर रिजर्व में अलर्ट, वनकर्मियों की छुट्टियों पर रोक
नैनीताल/देहरादून। क्रिसमस और नए साल को देखते हुए कॉर्बेट पार्क और राजाजी टाइगर रिजर्व में अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, वन कर्मियों के अवकाश पांच जनवरी तक रद्द कर दिए गए हैं। कॉर्बेट की दक्षिणी सीमा पर अति संवेदनशील स्थानों पर गश्त बढ़ा दी गई है। वन कर्मी लगातार गश्त कर रहे हैं। कॉर्बेट निदेशक डॉ. धीरज पांडेय ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क की अति संवेदनशील दक्षिणी सीमा पर स्थित रेंजों में प्रत्येक दिन संवेदनशील स्थानों पर गश्त की जाएगी। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, बैरियर आदि स्थानों पर सघन तलाशी और चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। अभियान में डॉग स्क्वायड, मैटल डिटेक्टर, ड्रोन, हाथी का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
कालागढ़ वन्यजीव प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षणरत वन आरक्षियों के तीन दल बनाकर प्रतिदिन कॉर्बेट के दक्षिणी सीमा में सघन गश्त और निगरानी कार्य कराया जाएगा। होटल और रिजॉर्ट के ध्वनि प्रदूषण पर निगरानी रखी जाएगी। किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि अथवा अनियमितता पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
नए साल के मौके पर शिकारी राजाजी टाइगर रिजर्व में दाखिल होकर हिरण, काकड़, जंगली सूअर जैसे वन्यजीवों का शिकार न कर सकें, इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है। टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने सभी अधिकारियों, वनकर्मियों के अवकाश पर रोक लगा दी है। साथ ही गश्त बढ़ाने के भी निर्देश दिए हैं।
डॉ. बडोला ने बताया कि नए साल के साथ ही ठंड के मौसम में पूरे तीन माह वन्यजीवों के शिकार की संभावनाएं बनी रहती हैं। इसे देखते हुए टाइगर रिजर्व के चीला, मोतीचूर, आशारोड़ी समेत सभी 10 रेंजों में वन क्षेत्राधिकारियों की अगुवाई में गश्त तेज करने के साथ ही विस्तृत पेट्रोलिंग प्लान तैयार किया गया है। साथ ही शिकार के लिहाज से बेहद संवेदनशील इलाकों में अधिकारियों की अगुवाई में गश्त तेज करने के साथ ड्रोन कैमरों से भी शिकारियों पर पैनी नजर रखी जाएगी। उधर, इस अभियान को सफल बनाने के लिए आसपास के ग्रामीणों की भी मदद ली जा रही है।
नए साल के मौके पर टाइगर रिजर्व में सफारी करने के दौरान किसी भी प्रकार की आतिशबाजी करने के साथ ही कानफोड़ू संगीत पर भी प्रभावी रोक लगाई गई है। यदि कोई भी पर्यटक टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आतिशबाजी या तेज आवाज में संगीत सुनता पाया गया तो उसके खिलाफ वन्य संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।