मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्र-छात्राओं की सहायता के लिए मुख्यमंत्री उत्थान योजना शुरू करने की घोषणा की
देहरादून : गरीबी और कमजोर आर्थिक स्थिति अब प्रदेश के छात्र-छात्राओं की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में आड़े नहीं आएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐसे छात्र-छात्राओं की सहायता के लिए मुख्यमंत्री उत्थान योजना शुरू करने की घोषणा की।
इसके अंतर्गत प्रशासनिक सेवाओं, सैन्य सेवाओं के साथ ही मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निश्शुल्क कोचिंग की सुविधा मिलेगी। साथ में ज्ञानकोष योजना भी प्रारंभ होगी।
इसमें प्रत्येक जिले में डिजिटल एवं आफलाइन समृद्ध पुस्तकालय स्थापित किए जाएंगे। पुस्तकालयों का उपयोग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं व छात्रों के साथ शिक्षक एवं स्थानीय समुदाय भी उठा सकेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सीएम आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में उत्तराखंड रोजगार मेले में ये महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उत्थान योजना के अंतर्गत निश्शुल्क कोचिंग में विद्यार्थियों को आनलाइन अध्ययन सामग्री, आफलाइन कक्षाएं, परीक्षा से संबंधित पाठ्यक्रम, प्रश्नबैंक की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। गरीबी के कारण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से वंचित रहने वाले युवाओं और विद्यार्थियों के लिए यह योजना मददगार होगी।
वहीं ज्ञानकोष योजना में सरकार विभागीय छात्रावास, आश्रम पद्धति विद्यालयों और विभागीय प्रतिष्ठानों का उपयोग करते हुए प्रत्येक जिले में समृद्ध पुस्तकालय स्थापित करेगी।
इनमें योग्य, अनुभवी और पेशेवर व्याख्याताओं को सूचीबद्ध करते हुए एक संपर्क केंद्र बनाया जाएगा। ये प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित विषयगत समस्याएं दूर करेंगे। पुस्तकालयों का पूर्ण उपयोग हो सके, इसके लिए विशेषज्ञों को सूचीबद्ध करने, पुस्तकों की व्यवस्था, आवश्यक सुविधाओं की समीक्षा विशेषज्ञ समिति करेगी।
रिक्त पद भरने के लिए 15 दिन में हो रही समीक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार मेले की अभिनव शुरुआत की जा रही है। सरकार युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर देना चाहती है, ताकि उनका सशक्तीकरण हो सके।
उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने के लगातार प्रयास चल रहे हैं। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी प्रत्येक 15 दिन में इसकी समीक्षा कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राज्य व राष्ट्र का भविष्य विद्यालयों में निर्मित होता है। एक अच्छा शिक्षक ही इस भविष्य को गढ़ता है।
क्लस्टर माडल विद्यालयों में प्राथमिक से इंटर तक होगा एकीकरण
शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए 1000 क्लस्टर माडल विद्यालय बनाए जा रहे हैं। इनमें तीन किमी सीमा के अंतर्गत प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व इंटरमीडिएट विद्यालयों को एक साथ जोड़कर क्लस्टर विद्यालय स्थापित किए जाएंगे।
इससे विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर होगी, साथ में उन्हें साधन संपन्न बनाया जा सकेगा। कलस्टर विद्यालयों में आने वाले छात्र-छात्राओं को किराए के रूप में प्रतिदिन 100 रुपये दिए जाएंगे।
पीएमश्री योजना में चयनित विद्यालयों को मिलेंगे डेढ़ करोड़
उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में 270 विद्यालय पीएमश्री योजना में चयनित किए गए हैं। इनमें अवस्थापना कार्यों से लेकर पुस्तकालय, फर्नीचर, स्मार्ट क्लास सहित तमाम सुविधाओं एवं पठन-पाठन के लिए लिए डेढ़ से दो करोड़ की राशि केंद्र सरकार देगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत 17 लाख छात्र-छात्राओं को निश्शुल्क पाठ्य पुस्तक, नोट बुक, स्कूली ड्रेस, स्कूल बैग व जूते उपलब्ध करा रही है। निकट भविष्य में सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को भी सरकार इस योजना का लाभ देगी।
600 से 3000 रुपये तक देंगे छात्रवृत्ति
डा रावत ने कहा कि कक्षा छह से 12वीं तक 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 600 से लेकर 3000 रुपये तक छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। इसके लिए शीघ्र ही मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना शुरू की जाएगी।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार प्रत्येक डायट को पांच-पांच करोड़ की राशि दे रहा है। इसमें एनईपी के अंतर्गत शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण मिलेगा। साथ में अभिभावकों को भी छात्र हित में प्रशिक्षण दिया जाएगा। राजकीय विद्यालयों के परिसर में चल रहे 799 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए 6.23 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
27 मार्च को शिक्षा महानिदेशालय में विद्या समीक्षा केंद्र का लोकार्पण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।