वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी भावना पांडे ने आलोचकों को दिया मुंहतोड़ जवाब
देहरादून। उत्तराखण्ड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केन्द्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने अपने आलोचकों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।
उन्होंने कहा कि कुछ उत्तराखण्ड विरोधियों के द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों के विरूद्ध दुष्प्रचार किया जा रहा है और प्रदेश के वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारियों के अस्तित्व पर सवाल उठाया जा रहा है। उन्होंने एक विधायक का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा विधायक जिस पर राजद्रोह समेत अनेकों आपराधिक मुकदमें दर्ज हों वो आज सच्चे राज्य आन्दोलनकारियों पर उंगली उठा रहा है।
देवभूमि की बेटी भावना पांडे ने कहा कि हम आन्दोलनकारियों को ऐसे व्यक्ति से किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है जो स्वयं कईं संगीन अपराधों में लिप्त हो। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि आज प्रदेश में राज्य आन्दोलनकारी उपेक्षा की मार झेल रहे हैं। राजधानी देहरादून के अलावा जहां-जहां भी आन्दोलनकारियों ने उत्तराखण्ड राज्य के लिए अन्दोलन किया उन्हें आजतक आन्दोलनकारी का दर्जा नहीं दिया गया फिर चाहे वो दिल्ली के आन्दोलनकारी हों, रूड़की के हों या हरिद्वार के। उन्होंने कहा कि इस गंभीर विषय पर विधानसभा के भीतर प्रश्न किया जाना चाहिए।
#उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए संघर्ष करने वाले #राज्य_आंदोलनकारी आज भी उपेक्षा के शिकार हैं। आज भी कईं लोगों को राज्य आंदोलनकारी का दर्जा नहीं मिला। वहीं कुछ उत्तराखंड विरोधी हम आंदोलनकारियों के अस्तित्व पर ही उंगली उठा रहे हैं।#uttarakhand#Devbhoomi @pushkardhami pic.twitter.com/S1e9fSs1Dk
— Bhawana Pandey (@officeBhawana) December 4, 2022
भावना पांडे ने कहा कि उनके साथ राज्य आन्दोलन की लड़ाई में शामिल रहे किशोर उपाध्याय और हरीश रावत जैसे तमाम आन्दोलनकारी नेता इस बात के गवाह हैं कि उन्होंने पृथक राज्य की लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि राज्य आन्दोलन के दौरान राजधानी दिल्ली की सड़कों पर संघर्ष कर पृथक राज्य की मांग के लिए आवाज उठाने वाले लोगों को राज्य आन्दोलनकारी का दर्जा दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के भीतर आज सच्चे व असली आंदोलनकारियों की हालत दयनीय है, जबकि झूठे व नकली लोग खुद को आन्दोलनकारी बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए लंबी लड़ाई लड़ने वाले अन्दोलनकारी आज छोटे-मोटे काम करके अपनी गुजर-बसर कर रहे हैं। प्रदेश के भीतर आजतक सच्चे आन्दोलनकारियों को सम्मान नहीं मिला वे आज भी उपेक्षित होकर गुमनामी की जिन्दगी जीने को विवश हैं। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि प्रदेश के भीतर आन्दोलकारियों के हित के लिए प्रस्ताव पास होना चाहिए और राज्य में उत्तराखण्ड भवन का निर्माण किया जाना चाहिए जिसके लिए उन्होंने 10 बिगह जमीन भी चिन्हित की हुई है।
वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि आज उत्तराखण्ड बुरे दौर से गुजर रह है। राज्य को बचाने के लिए व प्रदेश हित के लिए हम सभी आन्दोलनकारियों एकजुट होना पड़ेगा और पुनः एक बड़ी जंग लड़नी होगी।