Uttarakhand

उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा- जीवन में अनगिनत विपदाएं झेलीं हैं

देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवँ जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने उत्तराखंड वासियों एवं पहाड़ की पीड़ा बयां करते हुए कहा कि पृथक राज्य बने 22 वर्षों का समय व्यतीत हो चुका है किंतु अभीतक हमें हमारे सपनों का उत्तराखंड नहीं मिला, जिस वजह से आज भी हमारी हालत दयनीय बनी हुई है।

देवभूमि की बेटी भावना पांडे ने कहा कि वे भी इसी पहाड़ की बेटी हैं, उन्होंने बचपन से बड़े असहाय हालातों में पहाड़ के दुख न सिर्फ देखे हैं, बल्कि दुखते दिल की गहराइयों से महसूस भी किए हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने जीवन में अनगिनत विपदाएं झेलीं, बेरोजगारी के असुर की शिकार हुई। इसके साथ ही गरीबी का डंक सहा, बेटियों की बेकद्री का सामना किया व महिलाओं पर शोषण का धरातल पर विभत्स्य स्वरूप देखा। उन्होंने कहा कि वे युवाओं में व्याप्त हताशा की स्वयं साक्षी बनी, नशे के तिलिस्मी जंजाल को फैलते देखा और इन सबके लिए उत्तरदाई राजनीति को बेफिक्री से जनता को ठगते हुए भी देखा। सब कुछ खामोशी से सहती रही और इनका नंगा नाच मजबूरन देखती रही।

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने हुँकार भरते हुए कहा कि अब बात हद से इतने आगे निकल चुकी है। हमारी खामोशी को कमज़ोरी न समझा जाए। उन्होंने कहा कि उनकी कमज़ोरी सिर्फ उनकी नहीं बल्कि सम्पूर्ण महिला समाज की कमजोरी होगी। उन्होंने कहा कि आज उनके ऊपर पहाड़ की महिलाएं को मजबूर नहीं वरन मज़बूत सिद्ध करने की अहम जिम्मेदारी भी है। पहाड़ का सीना चीर कर फसल उगाने वाली महिला कमज़ोर कैसे हो सकती है। हां संस्कारों की दुहायी में सहनशील जरुर होती है, जिसको कि समाज के अवैध ठेकेदार कमज़ोरी समझने की भूल कर रहे हैं।

जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने कहा कि राजनीतिक दल के गठन का उद्देश्य, उनकी कोई उग्र राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं बल्कि उन महिलाओं और युवाओं का सामाजिक व नैतिक कर्ज़ है, जिसकी किस्तों की अदायगी की शुरुआत भी उन्होंने कर दी है। उन्होंने कहा कि “मैं आप सभी को विश्वास दिलाती हूं कि, उत्पीड़ित महिलाओं और उपेक्षित युवाओं के प्रति किए गए एक-एक अत्याचार का प्रतिशोध लेकर रहूंगी।” उन्होंने कहा कि कुछ नासमझ लोग उन्हें अकेला समझने की भूल कर रहे हैं, शायद उन लोगों को उन लाखों महिलाओं का आशीष और हजारों युवाओं के अप्रत्यक्ष हाथ नहीं दिख रहे, जिनके बदले के लिए वे इस सत्याग्रह में कूदी हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम आलोचकों को वे मुंहतोड़ जवाब देंगी।

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