वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान केंद्रीय मंत्री ने ग्रामीणों से किया संवाद
देहरादून l उल्लेखनीय है कि हिंडोलाखाल में बांज प्रजाति के वन क्षेत्र हैं , जिसमें पूर्व में कतिपय वन अग्नि की दुर्घटनाएं हुई हैं। बेमुंडा में वन विभाग द्वारा क्रु स्टेशन की स्थापना की गई है, जिससे कि राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास वन क्षेत्र में वन अग्नि की घटनाओं के संबंध में सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्रवाई की जा सके। बेमुंडा क्रु स्टेशन अत्यंत संवेदनशील वन क्षेत्र के निरीक्षण करने में सहायक है। इसी क्रम में आगराखाल स्थित सामुदायिक उन्नति केंद्र का भी केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव द्वारा निरीक्षण किया गया एवं स्थानीय समुदाय द्वारा विभिन्न विकास गतिविधियों में किए जा रहे कार्यों का भी उन्होंने जायजा लिया। इस क्षेत्र में स्थानीय समुदाय द्वारा वन विभाग को वन अग्नि से निपटने में सहयोग भी प्रदान किया जाता है। निरीक्षण के दौरान केंद्रीय वन मंत्री द्वारा बादशाही ढोल में चीड़ के वनों में हुई अग्नि दुर्घटनाओं के क्षेत्र का भी मौके पर जाकर निरीक्षण किया गया। श्री यादव द्वारा उपस्थित अधिकारियों से वार्ता कर अग्नि को रोकने एवं उससे निपटने के संबंध में प्रयासों की पूर्ण समीक्षा की गई। श्री यादव द्वारा इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि वन विभाग वन अग्नि से निपटने हेतु तैयारी को और अधिक सघन करे। उन्होंने निर्देशित किया कि आग की सूचना प्राप्त होने पर कम से कम समय में उससे निपटने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। केंद्रीय वन मंत्री ने वन अग्नि के मामलों में स्थानीय समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित करने पर भी बल दिया। उन्होंने इस दौरान स्थानीय समुदाय को भी इस संबंध में प्रेरित किया। श्री यादव ने हाल ही में हुई वन अग्नि की दुर्घटनाओं एवं उससे हुई जान-माल की क्षति पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की गई। केन्द्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने बादशाहीथौल फारेस्ट रेंज में वन विभाग के अधिकारियों और वन कर्मियों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने वनाग्नि से निपटने हेतु जो उपकरण हैं उनका निरीक्षण किया और वन कर्मियों से उन उपकरणों की जानकारी प्राप्त की। इस दौरान उन्होने वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का भी दौरा किया। इस मौके पर उत्तराखंड सरकार के वन मंत्री सुबोध उनियाल, पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड सरकार किशोर उपाध्याय सहित वन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।