Uttar Pradesh

प्रेमचंद यादव के अवैध निर्माण को ढहाने का जारी होगा आदेश, फैसला सुरक्षित

देवरिया। फतेहपुर गांव के अभयपुर टोले में खलिहान, नवीन परती, वन व मानस इंटर कालेज की भूमि पर बने दबंग प्रेमचंद का अवैध निर्माण ढहाया जाएगा। तहसीलदार रुद्रपुर की कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है।

सत्यप्रकाश दुबे लड़ रहे थे अवैध कब्जे के खिलाफ लड़ाई

साथ ही खलिहान, नवीन परती, वन व मानस इंटर कालेज की भूमि पर प्रेमचंद व उसके स्वजन का अवैध कब्जा होने के मामले की लड़ाई भी वह लड़ रहे थे। भूमि विवाद में दो अक्टूबर की सुबह लेहड़ा टोले में प्रेमचंद यादव की हत्या हो गई। जिसके प्रतिशोध में प्रेमचंद के स्वजन व उसके समर्थकों ने सत्यप्रकाश दुबे, उनकी पत्नी, दो बेटी व एक बेटे की लाठी-डंडे, धारदार हथियार व गोली मारकर हत्या कर दी।

सामूहिक नरसंहार के बाद प्रशासन की नींद टूटी। तीन अक्टूबर को राजस्वकर्मियों ने सरकारी भूमि की पैमाइश की तो प्रेमचंद के पिता रामभवन यादव, चाचा परमहंस यादव व गोरख यादव का अवैध कब्जा पाया गया।

दोबारा कराई गई भूमि पैमाइश

आरोपितों के अवैध कब्जे को ढहाने के लिए रुद्रपुर तहसीलदार कोर्ट में उप्र राजस्व संहिता 2006 की धारा-67 के तहत पांच मुकदमे दाखिल किए गए, जिसमें शनिवार को सुनवाई की गई। आरोपित रामजी यादव की पत्नी किरन देवी ने पैमाइश को गलत बताते हुए आपत्ति जताई। जिसके बाद सोमवार को फतेहपुर गांव में तहसीलदार अरुण यादव ने कोर्ट लगाया और दोबारा भूमि की पैमाइश कराई।

प्रेमचंद के पिता रामभवन ने खलिहान की पांच डिसमिल, वन व नवीन परती की डेढ़-डेढ़ डिसमिल भूमि पर कब्जा किया है। साढ़े छह डिसमिल पर मकान बना है और शेष भूमि उनके कब्जे में है।

प्रेमचंद के चाचा का भी है अवैध कब्जा

प्रेमचंद के चाचा गोरख यादव ने खलिहान की डेढ़ डिसमिल व परमहंस यादव ने खलिहान की दो डिसमिल भूमि पर अवैध निर्माण कराया है। तहसीलदार अरुण यादव ने मंगलवार को तारीख निर्धारित की थी।

किरन देवी ने अपने अधिवक्ता गोपी यादव के माध्यम से फिर आपत्ति दी। तहसीलदार ने सुनवाई पूरी करते हुए आदेश सुरक्षित रखा है। उम्मीद है कि जल्द ही अवैध निर्माण ढहाने का आदेश सार्वजनिक होगा।

अवैध निर्माण के मामले में तहसीलदार रुद्रपुर ने मंगलवार को सुनवाई पूरी कर ली है। फैसला सुरक्षित कर लिया है। जल्द ही बेदखली का आदेश जारी होगा। रजनीश राय, मुख्य राजस्व अधिकारी

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