प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या को लेकर जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने एकबार फिर जताया रोष
देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी प्रसिद्ध, जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या को लेकर एकबार फिर रोष जाहिर किया है। उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तराखंड में बेरोजगारी चरम पर है, लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। बीते वर्ष भी राज्य के बेरोजगार युवा और महिलाएं रोजगार की मांग करते हुए लगातार सड़कों पर आंदोलन करते रहे मगर सरकार ने इनकी कोई सुध नहीं ली।
जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने बीजेपी और कांग्रेस को घेरते हुए इन दोनों दलों पर बड़ा हमला बोला। बीजेपी और कांग्रेस की सरकारों के कार्यकाल पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि इन दोनों दलों की सरकारें उत्तराखंड से बेरोजगारी हटाने में पूरी तरह फेल साबित हुई हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता हमेशा बस बीजेपी और कांग्रेस पर ही दाव खेलती आई है और बार-बार इन्हीं मतलबी दलों के हाथों छली गई है। जनता हर बार इसी उम्मीद से इन पार्टियों के प्रत्याशियों को वोट देती रही कि इस बार उनके दुखों का अंत होगा और नई सरकार उनके कष्टों को मिटाएगी। मगर उनकी ये इच्छा पिछले 22 वर्षों से आजतक पूरी नहीं हुई।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि वे उत्तराखंड की आंदोलनकारी बेटी हैं। राज्य की जनता ने पृथक उत्तराखंड राज्य इसलिए लिया था कि यहाँ से बेरोजगारी दूर होगी और पलायन रुकेगा किन्तु उत्तराखंड से पलायन रोकने में एवँ यहाँ के युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराने में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही सरकारें पूरी तरह से नाकाम रही हैं।
उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने को लेकर अनेकों घोषणाएं की थीं मगर उन घोषणाओं को सीएम द्वारा आजतक पूरा नहीं किया गया। सरकार की बेरुखी और लापरवाही भरे रवैये की वजह से प्रदेश का युवा पूरी तरह से निराश हो चुका है। फलस्वरूप उत्तराखंड से तेजी से पलायन हो रहा है और सरकार मूक दर्शक बनकर बस तमाशा देख रही है। उन्होंने हुंकार भरते हुए एवं सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार जल्द से जल्द अपनी घोषणाओं को पूरा करे और बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराये। यदि ऐसा नहीं हुआ तो प्रदेश में पुनः बड़ा आंदोलन किया जाएगा।