Uttarakhand

‘‘एक शाम उत्तराखण्डी संगीत और संस्कृति के नाम’’ कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर दून विश्वविद्यालय के डॉ. नित्यानंद ऑडिटोरियम में आयोजित ओहो उत्तराखण्ड रंगोत्सव-‘‘एक शाम उत्तराखण्डी संगीत और संस्कृति के नाम’’ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोक गीत बेडू पाको के रिक्रिएशन गीत का लोकार्पण करने के साथ ही टीम बेडू पाको के सदस्यों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न समाज सेवियों को उत्तराखण्ड इंस्पायर अवार्ड के साथ ही राज्य में महिला सशक्तिकरण, पारम्परिक खेती कृषि एवं बागवानी तथा शिक्षा आदि के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वालों को ‘‘मैं उत्तराखण्ड हूँ’’ सम्मान से सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 25- 30 वर्ष पूर्व हम सभी ने देखा है कि हमारे घरों में रेडियो का बड़ा प्रचलन हुआ करता था। हम सभी उसके माध्यम से राष्ट्रीय समाचारों को, प्रसिद्ध गीतों को और अपने प्रदेश के लोक गीतों को सुना करते थे और आनंद से अभिभूत हो जाया करते थे। हमने यह भी देखा है कि पहले किसी-किसी गांव में सिर्फ एक-दो घरों में ही रेडियो हुआ करता था। जिसके माध्यम से चौपाल में काफी लोग एकत्रित होकर उस पर आने वाले अपने-अपने पसंदीदा कार्यक्रमों को सुना करते थे।

उन्होंने कहा कि लोगों को जोड़ने का, लोगों में एकता बढ़ाने का, खुशी देने का सबसे अच्छा माध्यम यदि है तो वह रेडियो ही है। यह बड़ी प्रसन्नता का विषय है कि ओहो रेडियो ने उत्तराखंड में रेडियो को जिंदा रखने का काम किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम के लिए रेडियो का चुनाव करना निश्चित रूप से रेडियो की विलुप्त होती भूमिका का संरक्षण और इसकी पुनर्स्थापना करने का एक प्रयास भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश व दुनिया में भारत का मान व सम्मान बढ़ा है। आज देश में एक ऐसा नेतृत्व है जिसकी स्वीकार्यता सम्पूर्ण विश्व में है। वैश्विक मंचों पर भारत का महत्व बढ़ा है। धर्म एवं संस्कृति को महत्व दिये जाने के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत का सपना साकार हो रहा है। देश आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। देश के सांस्कृतिक स्थलों का विकास हो रहा है। भव्य राम मंदिर निर्माण एवं भव्य काशी विश्वनाथ कॉरिडोर इसके प्रमाण हैं।

उन्होंने कहा कि केदारनाथ पुनर्निर्माण एवं बदरीनाथ धाम के सौंदर्यीकरण पर एक हजार करोड़ के कार्य किये जा रहे हैं। राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने के निरंतर प्रयास हो रहे हैं। हरेला और इगास के पर्व इसके प्रमाण हैं। आने वाले समय में राज्य के अन्य त्योहारों को भी मनाये जाने के प्रयास किये जायेंगे। इसमें हम सबको सामुहिक रूप से जिम्मेदारी निभानी होगी तभी हम अपनी संस्कृति एवं परम्पराओं की जड़ों से जुड पायेंगे। आधुनिकता के इस दौर में अपनी संस्कृति से जुड कर हमें हमारे पूर्वजों का भी आशीर्वाद मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमांत गांव माणा को उनके द्वारा अंतिम के बजाय देश का प्रथम गांव बताए जाने पर प्रधानमंत्री ने सहमति प्रदान कर देश के सीमांत गांवों को अंतिम के स्थान पर प्रथम गांव बताया गया है। यह हमारे लिये ही नहीं देश के सीमांत क्षेत्रों के लिये सम्मान की बात है।

कार्यक्रम के संयोजक ओहो रेडियो के संचालक आरजे काव्य द्वारा मुख्यमंत्री का स्वागत कर उनके द्वारा संचालित कार्यक्रमों की जानकारी दी।

इस अवसर पर विधायक सुरेश गडिया, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, हंस फाउण्डेशन के संस्थापक भोले जी महाराज, प्रमुख माता मंगला, पद्मश्री प्रीतम भरतवाण, फिल्म अभिनेता हेमंत पाण्डेय, के साथ ही बड़ी संख्या में लोक संस्कृति से जुड़े तथा अन्य लोग उपस्थित थे।

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