भारत के स्वच्छ ऊर्जा ट्रांज़िशन को मिला नया बल

ऋषिकेश,। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, विद्युत क्षेत्र की अग्रणी कंपनी, ने उत्तराखंड के टिहरी में 1000 मे.वा. वेरिएबल स्पीड पंप स्टोरेज प्लांट की तीसरी यूनिट (250 मे.वा.) की वाणिज्यिक संचालन (सीओडी) प्रक्रिया को सफलतापूर्वक शुरू करके एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह उपलब्धि भारत के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। जिसने टिहरी पीएसपी को देश का पहला वेरिएबल स्पीड पंप स्टोरेज प्लांट और किसी भी सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज द्वारा संचालित किया जा रहा अपनी तरह का सबसे बड़ा पीएसपी बना दिया है। पहली और दूसरी यूनिटों की सीओडी प्रक्रिया जून और जुलाई, 2025 में प्रारंभ होने के बाद अब तीसरी यूनिट की सीओडी प्रक्रिया की शुरुआत से टीएचडीसी की टेक्नोलॉजिकली एडवांस्ड और ग्रिड-रिस्पॉन्सिव हाइड्रोपावर सॉल्यूशन देने में लीडरशिप और मज़बूत हो गयी है।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर केंद्रीय विद्युत तथा आवास एवं शहरी कार्य मंत्री, भारत सरकार, मनोहर लाल ने वर्चुअल माध्यम से तीसरी यूनिट का वाणिज्यिक संचालन आधिकारिक तौर पर शुरू किया। इस अवसर पर माननीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के राज्य मंत्री, श्रीपाद नाइक और ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, ए. के. शर्मा भी उपस्थित थे जिनका सिपन कुमार गर्ग, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसीआईएल ने स्वागत किया। इस अवसर पर विद्युत क्षेत्र के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे, जिनमें पंकज अग्रवाल, सचिव, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार; घनश्याम प्रसाद, चेयरपर्सन; नरेंद्र भूषण, अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत, उत्तर प्रदेश सरकार; पीयूष सिंह, अपर सचिव, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार; गुरदीप सिंह, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनटीपीसी; सिपन कुमार गर्ग, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, मोहम्मद अफजल, संयुक्त सचिव (हाइड्रो), विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार भी उपस्थित थे। मनोहर लाल केंद्रीय विद्युत तथा आवास एवं शहरी कार्य मंत्री, भारत सरकार, ने अपने संबोधन में टीएचडीसी की टीम को टिहरी पीएसपी की तीसरी यूनिट (250 मे.वा.) की सीओडी प्रक्रिया के सफलतापूर्वक शुरू होने पर बधाई दी। मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि बिजली की खपत लगातार बढ़ने के साथ, पीएसपी जैसे स्टोरेज एसेट चैबीसों घंटे विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए बहुत ज़रूरी हैं। 1000 मे.वा. का टिहरी पीएसपी, जिसकी तीनों यूनिटें अब पूरी तरह से चालू हो रहीं हैं, एक मज़बूत और भरोसेमंद पावर इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का उदाहरण है और वर्ष 2047 तक प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत’ के विज़न को साकार करने में योगदान दे रहा है।
श्रीपाद नाइक विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के राज्य मंत्री, ने कहा कि टीएचडीसी पंप स्टोरेज समाधानों के विकास में एक अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र संगठन के रूप में उभर रहा है। टिहरी पीएसपी की दो यूनिट पहले ही वाणिज्यिक संचालन में हैं और तीसरी यूनिट आज सफलतापूर्वक शुरू हो गई है, जिससे निगम 1000 मेगावाट क्षमता वाले इस परियोजना को पूर्ण रूप से कमीशन करने की दिशा में दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कई अतिरिक्त पंप स्टोरेज परियोजनाएँ पाइपलाइन में हैं, जो टीएचडीसी को देश के भविष्य के ग्रिड के लिए आवश्यक स्टोरेज अवसंरचना के एक प्रमुख प्रेरक के रूप में स्थापित करती हैं। ए. के. शर्मा ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, ने भी टीएचडीसी को इस विशेष उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए इस परियोजना के तकनीकी महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर नवीकरणीय ऊर्जा को राष्ट्रीय ग्रिड में समाहित करने के लिए उन्नत पंप-स्टोरेज प्रणालियाँ अत्यंत आवश्यक हैं। 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय क्षमता के प्रधानमंत्री के विज़न के संदर्भ में, टिहरी पीएसपी एक महत्वपूर्ण परिसंपत्ति के रूप में उभरता है, जो भविष्य में अधिक नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने हेतु आवश्यक बैलेंसिंग क्षमता सुनिश्चित करता है। घनश्याम प्रसाद, चेयरपर्सन, सीईए, ने अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसी और पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि इस पंप स्टोरेज परियोजना का राष्ट्रीय ग्रिड में सफल एकीकरण पावर सेक्टर के लिए गर्व का क्षण है। एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम द्वारा विकसित किए जा रहे प्रारम्भिक वेरिएबल-स्पीड पीएसपी में से एक होने के नाते, यह उपलब्धि अनेक तकनीकी और क्रियान्वयन संबंधी चुनौतियों के बावजूद हासिल किया गया एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने इस परियोजना से प्राप्त अनुभव और सीख को पूरे विद्युत क्षेत्र के साथ साझा करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि इन अमूल्य जानकारियों का व्यापक लाभ मिल सके। गुरदीप सिंह, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनटीपीसी ने टीएचडीसी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि पावर सेक्टर के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। ऐसे समय में जब देश विश्वसनीय ऊर्जा-भंडारण समाधानों की बढ़ती आवश्यकता से जूझ रहा है, यह विकास पीक डिमांड के दौरान सुनिश्चित एवं स्थिर बिजली आपूर्ति की क्षमता को उल्लेखनीय रूप से सुदृढ़ करता है।



