Uttarakhand

कांग्रेस मुख्यालय में जयंती पर याद किए गए पंडित गोविन्द बल्लभ पंत

देहरादून,। प्रदेश मुख्यालय देहरादून में कांग्रेसजनों ने भारत रत्न, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पं0 गोविन्द बल्लभ पंत जी की जयंती एवं वीर अब्दुल हमीद की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धा पूर्वक याद करते हुए अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये। पं0 गोविन्द बल्लभ पंत जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कांग्रेस सांसद एवं संगठन सृजन हेतु नियुक्त देहरादून महानगर के केन्द्रीय पर्यवेक्षक मणिकम टैगोर ने कहा कि स्व0 गोविन्द बल्लभ पंत जी का देश की आजादी की लड़ाई में अहम योगदान था। भारत रत्न पं० गोविन्द बल्लभ पन्त ने आजादी के बाद 20 साल उत्तर प्रदेश और भारत की राजनीति में केन्द्रीय भूमिका निभाते हुए मुख्यमंत्री और देश के गृह मंत्री जैसे पदों को सुशोभित किया। पं0 गोविन्द बल्लभ पन्त अद्वितीय प्रतिभा के धनी और साहसी पुरूष थे। स्वतंत्रता संग्राम में उनका अविस्मरणीय योगदान तथा साइमन कमीशन के विरोध में उनकी भूमिका इतिहास के पन्नों पर स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। उन्होंने कहा कि पंण्डित गोविन्द बल्लभ जैसे महान व्यक्तित्व समाज के लिए सदैव प्रेरणा के स्रोत रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत पाकिस्तान युद्ध में वीर अब्दुल हमीद के अदम्य साहस को भारतवासी सदैव याद रखेंगे।
पूर्व विधायक एवं महानगर के पर्यवेक्षक रणजीत सिंह रावत ने कहा कि 20वीं शताब्दी के तीसरे दशक में कुमाऊं परिषद के माध्यम से सामाजिक और राजनैतिक जीवन में श्री पन्त ने अपनी शुरूआत की। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में फैली भीषण गरीबी, कुली बेगार प्रथा तथा सामाजिक बुराइयों के कारण प्रताड़ित हो रहे कमजोर तबकों की पीड़ा को गहराई से महसूस किया और कालान्तर में उसके लिए उन्होंने अनेक संघर्ष किये। कृषि सुधारों के लिए पं० पन्त के मुख्यमंत्रित्व काल में (कुंजा) अधिनियम को पारित किया गया। संयुक्त प्रान्त की विधान परिषद में 1924 से 1929 तक विरोधी दल के उपनेता रहते हुए उन्होंने अनेकों अधिनियमों और प्रदेश की समस्याओं के ऊपर तार्किक भाषणों के जरिये सरकार को मार्गदर्शन दिया। उनका राजनैतिक सफर यहीं नहीं रूका वे संयुक्त प्रान्त की विधानसभा में 1932-1937 तक सदस्य रहे। इस दौरान उन्हांंने अनेक महत्वपूर्ण जटिल समस्याओं के ऊपर सारगर्भित भाषण दिये जिसमें से एक प्रेस की आजादी के सम्बन्ध में भी था जो लगातार दो दिन तक विधानसभा में चला जिसके बाद ब्रिटिश हुकूमत को प्रेस की आजादी पर प्रतिबन्ध सम्बन्धी इस विधेयक को वापस लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि पंण्डित गोविन्द बल्लभ जैसे महान व्यक्तित्व समाज के लिए सदैव प्रेरणा के स्रोत रहेंगे। भारत के निर्माण में उनके सपने को साकार करने के लिए अपनी सहभागिता निभानी है यही उन्हें हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। श्रद्धांजलि देने वालों में सांसद मणिकम टैगोर, पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत, रोहताश सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकान्त धस्माना, मीडिया चेयरमैंन राजीव महर्षि, प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र शाह, नवीन जोशी, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, महिला अध्यक्ष ज्योति रौतेला, महानगर अध्यक्ष जसविन्दर सिंह गोगी, प्रदेश प्रवक्ता डॉ0 प्रतिमा सिंह, सुजाता पॉल, प्रदेश सचिव यशपाल चौहान, मोहन काला, आशा डोबरियाल शर्मा, नवीन रमोला, सुलेमान अली, अनुराधा तिवाडी, सावित्री थापा, मदन लाल, अभिनव थापर, ललित भद्री, गुल मोहम्मद आदि अनेक कांग्रेसजन उपस्थित थे।

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