उत्तराखंड की निर्यात क्षमता खोलने और विस्तारित करने पर हुआ मंथन
देहरादून,। भारत से निर्यात के आधार को व्यापक बनाने के लिए वाणिज्य विभाग, भारत सरकार ने देहरादून में एक उद्योग बातचीत बैठक का बीते बुधवार को आयोजन किया। इस उद्योग बैठक का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में उत्तराखंड की निर्यात क्षमता को खोलने और विस्तारित करने के लिए भारत सरकार, उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों, उद्योग के प्रमुख अग्रणी लोगों और नीति निर्माताओं के बीच रचनात्मक संवाद की सुविधा प्रदान करना था। ये बैठक हितधारकों के लिए वर्तमान चुनौतियों का समाधान करने, निर्यात वृद्धि के नए अवसरों का पता लगाने और राज्य में एक संपन्न निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने हेतु साझेदारी को सुदृढ़ करने के लिए एक मंच प्रदान करती है। उत्तराखंड, जो अपने समृद्ध कृषि, औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों के लिए प्रसिद्ध है, भारत के निर्यात लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार है।
सार्वजनिक और निजी भागीदारों के इस संगम ने उत्तराखंड के कृषि-व्यवसाय और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात क्षेत्रों की क्षमता को खोलने के उद्देश्य से सार्थक संवाद की सुविधा प्रदान की गई। बैठक में उत्तराखंड के समृद्ध कृषि-जलवायविक लाभों के रणनीतिक महत्व और भारत के कृषि निर्यात को आगे बढ़ाने में इसकी भूमिका पर जोर दिया गया। बैठक में प्रमुख नीतिगत हस्तक्षेपों, बुनियादी ढांचे के विकास और राज्य के निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र में सतत विकास के उद्देश्य से पहल के माध्यम से सरकार के निरंतर समर्थन पर प्रकाश डाला गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सुनील बर्थवाल, वाणिज्य सचिव, भारत सरकार और अन्य प्रमुख प्रतिभागी रमेश कुमार सुधांशु, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, राधिका झा, सचिव, ग्रामीण विकास, उत्तराखंड सरकार, आर.के.मिश्रा, निदेशक, भारतीय पैकेजिंग संस्थान (आईआईपी) और अभिषेक देव, आईएएस, अध्यक्ष, एपीडा उपस्थित थे। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के अलावा, इस कार्यक्रम में उद्योग जगत के दिग्गजों, सीईओ और एफएमसीजी, जैविक उत्पाद, चावल, मिलेट, रसायन, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग, मछली और जलीय उत्पाद, हस्तशिल्प, शहद, ताजे फल और सब्जियां, प्रसंस्कृत भोजन, मसाले, चाय और पैकेजिंग जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।
कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के कृषि निर्यात परिदृश्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए, जो रणनीतिक साझेदारियों को दर्शाते हैं। ये समझौते हुएः हाउस ऑफ हिमालय लिमिटेड और लुलु ग्रुप जो भारत और विश्व स्तर पर फैली हुई सबसे बड़ी हाइपरमार्केट श्रृंखलाओं में से एक है, हिमालयी क्षेत्र से प्राप्त उच्च गुणवत्ता वाले कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों को लुलु हाइपरमार्केट के व्यापक खुदरा नेटवर्क के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बढ़ावा देंगे और निर्यात करेंगे, जिससे उत्तराखंड में स्थानीय किसानों और कारीगरों की आजीविका में वृद्धि होगी। हाउस ऑफ हिमालय लिमिटेड और भारतीय पैकेजिंग संस्थान (आईआईपी) अंतर्राष्ट्रीय मांग को पूरा करने के लिए उत्तराखंड के उत्पादों के लिए पैकेजिंग मानकों में सुधार लाने पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। हाउस ऑफ हिमालय लिमिटेड और मसाला बोर्ड “हाउस ऑफ हिमालय” ब्रांड के तहत सतत विकास, महिला सशक्तिकरण और मसाला क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण उत्पादन सुनिश्चित करते हुए उत्तराखंड के स्वदेशी मसालों को बढ़ावा देंगे। राज्य बागवानी मिशन (उत्तराखंड) और मसाला बोर्ड, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड के विभिन्न भागों में बड़ी इलायची और अन्य मसालों की खेती को बढ़ावा देना है।