Uttarakhand

अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण देखने को बनी कार्ययोजना

देहरादून। अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले भगवान श्रीराम के बाल रूप नूतन विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से संपूर्ण देवभूमि भी जुड़ेगी। राज्य में इन दिनों विश्व हिंदू परिषद समेत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 32 आनुषांगिक संगठन राम काज में जुटे हैं।

भगवान श्रीराम के नूतन बाल रूप विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर समूचे उत्तराखंड में वातावरण राममय होने लगा है। विश्व हिंदू परिषद की अगुआई में इन दिनों राज्यभर में जगह-जगह कलश यात्राएं, घर संपर्क कर पूजित अक्षत वितरण जैसे कार्य चल रहे हैं। 15 जनवरी तक यह क्रम चलेगा। साथ ही, 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण सामूहिक रूप से देखने को कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।

विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री अजय के अनुसार उत्तराखंड में 16 हजार से अधिक गांवों और सभी 105 शहरों में लोग प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण देखेंगे। ये कार्यक्रम मंदिर केंद्रित होने के साथ ही सार्वजनिक स्थलों में भी एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की जाएगी। इन स्थलों की संख्या 20 हजार से अधिक है।

रूपरेखा इस तरह से बनाई गई है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन सुबह से ही मंदिरों समेत इन सभी स्थलों पर सुंदरकांड पाठ, कीर्तन-भजन के कार्यक्रम होंगे, जो दोपहर 12 बजे तक चलेंगे। इसके बाद दोपहर 12 से एक बजे तक सभी लोग प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण देखेंगे। तत्पश्चात प्रसाद वितरण होगा।

दीपोत्सव के साथ ही विशेष सजावट

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद 22 जनवरी की शाम को देशभर की भांति उत्तराखंड में भी दीपोत्सव मनाया जाएगा। घरों, मंदिरों व सार्वजनिक स्थलों पर दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। साथ ही, घरों, प्रतिष्ठानों व सार्वजनिक स्थलों पर विशेष सजावट की जाएगी। विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री अजय के अनुसार इस सिलसिले में व्यापार मंडल समेत अन्य संगठनों व रामभक्तों से वार्ता हो चुकी है।

देवभूमि से 258 संत होंगे शामिल

विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री ने बताया कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देवभूमि उत्तराखंड से 258 संत भी शामिल होंगे। इनमें सभी अखाड़ों के अध्यक्ष, महामंत्री, कोठारी, आचार्य महामंडलेश्वर हैं। यही नहीं, राज्य के 13 अन्य विशिष्ट जन भी समारोह में आमंत्रित किए गए हैं।

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