Uttarakhand

उत्तराखंड दौरे पर निकले पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत राजनीति के गलियारों में एक के बाद एक धमाके कर रहे

देहरादून: उत्तराखंड दौरे पर निकले पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत राजनीति के गलियारों में एक के बाद एक धमाके कर रहे हैं। श्रीनगर में मीडिया से बातचीत के दौरान देहरादून में बेरोजगार युवाओं पर लाठीचार्ज की घटना पर माफी मांग चुके त्रिवेंद्र ने अब कुमाऊं के बागेश्वर में कह दिया कि देहरादून में लाठीचार्ज किसके इशारे पर हुआ, पुलिस को यह बताना चाहिए।

यद्यपि, उन्होंने प्रदेश सरकार की सराहना की, लेकिन उनके लगातार दो बयानों ने सरकार और भाजपा संगठन को असहज भी कर दिया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की भारी-भरकम जीत के बाद मुख्यमंत्री पद संभाला था।

मार्च 2021 में जब वह अपनी सरकार के चार साल पूरे होने पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की तैयारी में जुटे थे, अचानक पार्टी ने उन्हें पद से हटा दिया। त्रिवेंद्र उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद सबसे लंबे कार्यकाल वाले दूसरे मुख्यमंत्री हैं। कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी ही उनसे आगे हैं। तिवारी ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूर्ण किया और ऐसा करने वाले वह अब तक के अकेले मुख्यमंत्री हैं।

अब तक पार्टी में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई

माना जा रहा था कि भाजपा नेतृत्व त्रिवेंद्र को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर उनका उपयोग करेगा। प्रदेश संगठन के अलावा प्रदेश प्रभारी व सह प्रभारी के रूप में वह अन्य राज्यों में अपनी सांगठनिक क्षमता प्रदर्शित कर चुके हैं।

लगभग दो साल का समय गुजर गया, त्रिवेंद्र को अब तक पार्टी में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। उन्होंने पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ा। इस सबके बावजूद त्रिवेंद्र राज्य में सक्रिय रहे और लगातार जिलों का दौरा करते रहे हैं।

इन दिनों वह फिर अलग-अलग जिलों में जाकर कार्यकत्र्ताओं और आमजन से भेंट कर रहे हैं, लेकिन इस बार उनके तेवरों में कुछ तल्खी नजर आ रही है। उनके इस तरह के बयानों के अलग-अलग निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।

पार्टी के समक्ष इसलिए स्थिति कुछ अधिक असहज हो रही है क्योंकि अगले एक-सवा साल में राज्य में दो चुनाव होने हैं। पहले इस वर्ष नगर निकाय चुनाव और फिर अगले वर्ष लोकसभा चुनाव। अब अगर पार्टी के वरिष्ठ नेता, जो पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं, इस तरह के सवाल उठाते हैं तो विपक्ष को मुद्दा लपकने का अवसर मिलता ही है।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने किस परिप्रेक्ष्य में ये बातें कहीं, यह तो वही जानें। वैसे लाठीचार्ज प्रकरण की मजिस्ट्रेटी जांच चल रही है। इसमें दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

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