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चीन में जारी है कोरोना का कहर, अस्पतालों नहीं मिल रहे बेड

बीजिंग। चीन में एक बार फिर कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से हाहाकार मचा हुआ है। यहां कोरोना के मामलों में फिर एक बार तेजी दिख रही है। कोरोना के मामलों में तेजी की वजह जीरो कोविड पॉलिसी में दी गई ढील को बताया जा रहा है। हालात ऐसे हैं कि अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का सैलाब आ गया है। इतना ही नहीं मेडिकल स्टाफ भी संक्रमित हो रहा है। कुछ डॉक्टर्स कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

अस्पतालों में आईसीयू बेड की कमी

चीन के अस्पतालों में आईसीयू बेड की कमी भी होने लगी है। दवाई की दुकानों में लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। दवा की कमी के कारण उनकी कीमतें कई गुना ज्यादा बढ़ गई हैं। इस समय चीन में एक कोरोना संक्रमित 16 अन्य लोगों को संक्रमित कर रहा है। कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को है और चीन के लिए भी यही चिंता बन सकता है, क्योंकि अब भी बहुत से बुजुर्गों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। एक्सपर्ट की मानें तो अगर ऐसे ही हालात रहे तो 2023 तक चीन में कोरोना के कारण 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होगी।

चीन के ज़ुहाई शहर में हॉस्पिटल के कॉरिडोर में स्ट्रेचर पर लाशों की कतार लगी है। शवगृह में शवों के रखने की जगह नहीं बची है। बीजिंग की हालत तो ज़ुहाई से भी ज्यादा खराब है। यहां चुइयांग्लु अस्पताल का यह हाल है कि मरीज और शव एक ही कमरे में हैं। एक तरफ लोग अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं तो उसके ठीक बगल में कई शव रखे हुए हैं।

सांस संबंधी समस्या से हुईं मौतें ही आधिकारिक आंकड़ों में होंगी दर्ज

चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग का कहना है कि कोविड-19 में ‘श्वसन प्रणाली के विफल होने’ से होने वाली मौतों को ही आधिकारिक आंकड़ों में शामिल किया जाएगा। देश में कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वैरिएंट के नए सब वैरिएंट से संबंधित संक्रमण के मामलों में काफी वृद्धि देखी गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, चीन वर्तमान में मुख्यत: अत्यधिक संक्रामक ओमीक्रॉन वैरिएंट के दो सब वैरिएंट-बीए.5.2 और बीएफ.7 से प्रभावित है।

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