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कंगाल पाकिस्तान की फिर उड़ी खिल्ली, जानिए पूरा मामला

Pakistan News : कंगाल पाकिस्तान में खाने के लाले पड़े हैं। अर्थव्यवस्था दिवालिया हो रही है। खुद पाकिस्तान के रक्षामंत्री भी यह मान रहे हैं कि पाकिस्तान की इकोनॉमी रसातल में चली गई है। लेकिन पाकिस्तान इन सबके बाद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। दुनिया में भले बने रहने के लिए तुर्की में आए भूकंप के बाद वह भी राहत सामग्री भेज रहा है। लेकिन उसकी उसकी पोल तब खुली, जब यह पता चला कि जो राहत सामग्री तुर्की ने बाढ़ के समय पाकिस्तान को भेजी थी, वही राहत सामग्री अब पाकिस्तान ने तुर्की को भेज दी और उस पर अपना ‘लेबल’ लगा दिया। झूठी शान दिखाने के चक्कर में उसकी अंतरराष्ट्रीय जगत में फिर किरकिरी हो गई है।

तुर्की को भेज दी उसी की दी हुई राहत सामग्री

दरअसल, विदेशी कर्ज और फंड की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान ने अन्य देशों की देखादेखी भूकंप प्रभावित तुर्किये को राहत सामग्री तो भेज दी, लेकिन अब उस राहत सामग्री को लेकर जो खुलासा हुआ है, उसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को एक बार फिर से शर्मसार कर दिया है।

भूकंप की तबाही से जूझ रहे तुर्किये को पाकिस्तान ने राहत सामग्री भेजी है। इसमें 21 कंटेनर भेजे गए हैं, जिसमें विंटराज्ड टेंट, कंबल व अन्य आवश्यक सामान शामिल हैं।

तुर्की में राहत सामग्री को खोलकर देखा तो हकीकत हुई उजागर

जब इस राहत सामग्री को खोल कर भेजा गया तो पता चला यह सामान पाकिस्तान को तुर्की की तरफ से ही भेजा गया था। दरअसल, बीते दिनों पाकिस्तान में आई बाढ़ के बाद तुर्की ने उसे राहत सामग्री भेजी थी, जिसे दोबारा से पैक करके पाकिस्तान ने तुर्की को भेज दिया।

तुर्की के सामान पर लगा दी अपनी मुहर

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान के सीनियर जर्नलिस्ट शाहिर मंजूर ने एक समाचार चैनल में दावा करते हुए कहा है कि इस्लामाबाद से अंकारा भेजी गई राहत सामग्री वास्तव में वही है, जो पिछले साल बाढ़ के बाद तुर्की ने पाकिस्तान को भेजी थी। उन्होंने टीवी डिबेट के दौरान कहा, राहत सामग्री पर पाकिस्तान सरकार का टैग लगा हुआ है, लेकिन वहां की जनता ने जब उसे खोल कर देखा तो उस पर लिखा हुआ था ‘तुर्की की तरफ से मोहब्बत के साथ…’।

तुर्की पहुंचने पर पाक पीएम शहबाज की हुई थी किरकिरी

यही नहीं, पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ तुर्की में भूकंप की आपदा के बीच वहां पहुंच गए थे। इस वजह से भी पाकिस्तान में उनकी किरकिरी हुई थी। दरअसल, वे तुर्की की मनाही के बावजूद अंकारा पहुंच गए थे। वहां उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। हालांकि तुर्की की ओर से कहा गया था कि उसका प्रशासन देश को बाढ़ से निकालने में व्यस्त है। ऐसे में वह किसी दूसरे देश के प्रधानमंत्री की मेजबानी नहीं कर सकता है।

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