अल्मोड़ा के भिकियासैंण में छात्राओं के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना पर उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने जताया रोष
देहरादून। देवभूमि एक बार फिर शर्मसार हुई है। अल्मोड़ा जनपद के भिकियासैंण ब्लॉक में एक राजकीय इंटर कॉलेज के प्रभारी प्रधानाचार्य पर छात्रा ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। इस गंभीर व शर्मनाक घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने रोष जताया और घटना की जमकर निंदा की।
देवभूमि की बेटी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवँ जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि विद्यालय शिक्षा का मंदिर होता है जहाँ देवकन्याओं रूपी छात्राएं विद्या ग्रहण करने जाती हैं। अभिभावक शिक्षकों (गुरुओं) को देवतुल्य मानकर व उन पर पूर्ण विश्वास कर अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं किंतु जब शिक्षक ही भक्षक बन जाये तो क्या कहिएगा। ऐसा ही कुछ हुआ है भिकियासैंण के विद्यालय में, जहाँ प्रभारी प्रधानाचार्य ने छात्रा के साथ छेड़छाड़ जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया है। इस शर्मनाक घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है।
#उत्तराखंड में मासूम बच्चियों के साथ हो रही छेड़छाड़ की घटनाएं बेहद शर्मनाक एवं निंदनीय हैं। #देवभूमि को कलंकित करने वाले लोगों को कठोर से कठोर सज़ा दी जाए, जो अन्य लोगों के लिए भी नज़ीर बन सके।#devbhoomi #uttarakhand@pushkardhami @drdhansinghuk pic.twitter.com/oHBqK605de
— Bhawana Pandey (@officeBhawana) December 20, 2022
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि प्रभारी प्रधानाचार्य ने अपने ही विद्यालय की एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ की। घर लौटने पर छात्रा ने परिजनों को इस घटना की जानकारी दी। जब शिकायत बीईओ तक पहुंची तो उन्होंने आरोपी प्रभारी प्रधानाचार्य को स्कूल से हटाकर खंड शिक्षाधिकारी कार्यालय भिकियासैंण से संबद्ध कर दिया है।
जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि आरोपी प्रभारी प्रधानाचार्य को स्कूल से हटाना इस समस्या का समाधान नहीं है। मासूम कन्याओं के साथ इस तरह की घिनौनी हरकत करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए, उन्हें कठोर से कठोर सज़ा दी जानी चाहिए फिर चाहे वो किसी भी पद पर आसीन हो। देवभूमि को कलंकित करने वाले, गुरु और शिष्या के पवित्र रिश्ते को तार-तार करने वाले व घिनौनी मानसिकता रखने वाले शिक्षक को समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है, उसे सलाखों के पीछे होना चाहिए।