Uttarakhand

मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक के दौरान दिए ये निर्देश

देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन विभाग की राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक में राज्य आपदा मोचन निधि और राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि के अंतर्गत विभिन्न प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई।

बैठक में 208.12 करोड़ की लागत के बलियानाला ट्रीटमेंट कार्य को सहमति प्रदान की गई। मुख्य सचिव ने योजना पूर्ण होने की प्रस्तावित समय 4 साल को घटा कर 2 साल में पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्य 2 अथवा 3 शिफ्ट में युद्ध स्तर पर किया जाए। जो कार्य समानांतर शुरू किए जा सकते हैं, किए जाएं, एवं टेंडर भी तुरंत जारी किए जाएं। मुख्य सचिव ने इस कार्य में पर्यटन को जोड़े जाने की बात कही। बैठक के दौरान 1020.09 लाख की लागत के नैनीताल में डीएसबी कॉलेज बालिका छात्रावास और ठंडी सड़क के भूस्खलन की रोकथाम कार्य को भी सहमति प्रदान की गई।

मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन विभाग को प्रदेश में मानसून काल के दौरान विभिन्न जनपदों और रेखीय विभागों को दी जाने वाली राशि उपलब्ध कराने में उदारवादी होने की बात कही। साथ ही निर्देश दिए कि विभागों को टारगेट दिए जाएं ताकि तेजी से कार्य पूर्ण किए जा सकें, इससे आमजन की समस्याओं का तेजी से निस्तारण किया जा सकेगा। बैठक में 15.0 करोड़ की लागत से आपदा के त्वरित प्रतिवादन हेतु राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आईआरएस सिस्टम और सॉफ्टवेयर विकास कार्य को भी स्वीकृति प्रदान की गई। उन्होंने इसमें आईटीडीए को भी शामिल किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने 30.00 करोड़ की लागत के प्राकृतिक विपत्तियों के कारण क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं की तात्कालिक मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्यों को सहमति देते हुए उत्तराखण्ड जल संस्थान को प्रदेशभर के अधिक से अधिक कार्यों को शामिल करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक विपत्तियों के कारण पाइपलाइंस टूटने से बहुत से क्षेत्रों को पानी की समस्या से जूझना पड़ता है, इसके लिए शीघ्र बैठकें आयोजित कर सैचुरेशन प्लान तैयार किया जाए।

समिति की बैठक के दौरान 175.00 लाख की लागत के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटियोरोलॉजी (आईआईटीएम) पुणे के माध्यम से देहरादून और श्रीनगर में वज्रपात की चेतावनी हेतु सेंसर लगाए जाने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।

इस अवसर पर सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, आर. राजेश कुमार,  हरिचंद्र सेमवाल एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कमिश्नर कुमाऊं दीपक रावत एवं अपर सचिव आपदा प्रबंधन सविन बंसल सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button