Uttarakhand

उत्तराखंड में खुलेआम हो रहा अवैध खनन, बेलगाम हुए माफिया : भावना पांडे

सरकारी संपत्ति को सबके सामने चोरी किया जा रहा है मगर कोई टोकने वाला नहीं है। सरकार और उसके अधिकारी इस गंभीर मुद्दे पर मौन हैं, वहीं खनन माफियाओं के हौंसले बुलंद हैं।

देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है। सरकार और प्रशासन की नाक के नीचे खुलेआम खनन माफियाओं द्वारा अवैध खनन किया जा रहा है। सरकारी संपत्ति को सबके सामने चोरी किया जा रहा है मगर कोई टोकने वाला नहीं है। सरकार और उसके अधिकारी इस गंभीर मुद्दे पर मौन हैं, वहीं खनन माफियाओं के हौंसले बुलंद हैं।

देवभूमि की संपदा पर डाका डालने वाले खनन माफियाओं के विरुद्ध उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने आवाज़ उठाई है। उन्होंने प्रदेश में खनन चोरी को लेकर रोष जताया है और संबंधित अधिकारियों से तत्काल मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है। मगर कोई इन माफियाओं को रोकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन कर रहे वाहन बिना किसी रोकटोक के खुलेआम सड़कों पर दौड़ रहे हैं। वहीं इन वाहनों के चौकीदार पहले से ही हर नाके पर पहरा देते नजर आते हैं और नज़रे गड़ाए हुए रहते हैं कि किसी अधिकारी की गाड़ी तो उधर नहीं आ रही। रास्ता साफ होने पर व इन माफियाओं से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ही खनन से लदा वाहन चालकों द्वारा आगे बढ़ाया जाता है और अपने गंतव्य तक पहुंचाया जाता है।

रायपुर क्षेत्र में सोडा रसौली पुल के नीचे धड़ल्ले से किया जा रहा अवैध खनन

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि इस पूरे खेल में नीचे से लेकर ऊपर तक सभी की मिलीभगत शामिल हैं। माफियाओं और अधिकारियों की साठगांठ से ही बड़े पैमाने पर ये खेल खेला जा रहा है। अकेले देहरादून जनपद में ही भारी मात्रा में नदियों का सीना चीरकर खनिज की चोरी की जा रही है। लेकिन सरकारी मशीनरी तमाशबीन बनी हुई है। खनन माफियाओं द्वारा सीना ठोककर सरकार को करोड़ों रुपयों के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है, जो बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री धामी तत्काल इस गंभीर मामले का संज्ञान लें। उन्होंने कहा कि पूरे उत्तराखंड में करोड़ों रुपये की संपत्ति अवैध खनन करके चुराई जा रही है। इसमें कहीं न कहीं नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत भी शामिल है। उन्होंने कहा कि खनन को लेकर एनजीटी के मानक देशभर में लागू हैं किंतु उत्तराखंड में दून वैली लागू कर दी गई। उन्होंने कहा कि जब पूरा देश एनजीटी के मानकों को मान रहा है तो उत्तराखंड में दून वैली का क्या औचित्य है। भावना पांडे ने कहा कि उनके प्रयासों से ही वर्ष 2019 में सरकार द्वारा इसे हटाया गया।

जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि पड़ोसी राज्यों हिमाचल, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के खनन माफियाओं ने उत्तराखंड के अधिकारियों से मिलीभगत कर व रुपये खिलाकर कुछ ऐसे नियम बनवाए जिनकी वजह से उत्तराखंड में विशेष तौर पर देहरादून जनपद में वैध खनन नहीं किया जा सके और कोई स्टोन क्रेशर न लग सके। उन्होंने कहा कि साल 2019 में उन्होंने इस मुद्दे को लेकर आवाज़ उठाई और तत्कालीन अधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने इस पर कार्रवाई की, जिसके बाद वैध खनन व क्रेशर लगाने की अनुमति मिली।

जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने भाजपा और कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी और कांग्रेस को इस गंभीर मुद्दे की ज़रा भी फ़िक्र नहीं है, इन्हें सिर्फ अपनी राजनीति से मतलब है। देवभूमि को माफियाओं द्वारा दोनों हाथों से लूटा जा रहा है किंतु कोई राजनीतिक दल आवाज़ उठाने को तैयार नहीं है। खनन माफिया सरकारी खजाने पर धड़ल्ले से लूट मचा रहे हैं मगर कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं को इससे कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस के नेता उत्तराखंड में अवैध झुग्गियां बसाकर बस अपने वोटबैंक की राजनीति कर रहे हैं। इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता चाहे उत्तराखंड की दुर्दशा हो जाये और जनता कितनी भी त्रस्त हो जाये। आज खुलेआम उत्तराखंड के राजस्व की लूट की जा रही है मगर सरकार कोई एक्शन नहीं ले रही है, फिर यही सरकार बजट न होने का रोना रोती नज़र आती है। उन्होंने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि जब सरकार अपने राजस्व व अपनी संपदा को बचाने का प्रयास ही नहीं करेगी तो प्रदेश में रेवेन्यू कहा से आएगा और कैसे राज्य के विभागों के कार्यों को पूर्ण किया जाएगा।

अवैध रुप से खनन कर रहे वाहनों की संख्या-

UK07 CB 3367, UK07 CB 5929, UK07 CC 0567, UK07 CB 5055, UK07 CB 0279, UK07 CB 155,
UK07 CA 201, UK07 CA 1018

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