Uttarakhand

होली पर मिलावटखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई, उत्तराखंड में ताबड़तोड़ छापेमारी अभियान

देहरादून। सचिव स्वास्थ व आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ आर राजेश कुमार के दिशा निर्देशों पर होली के मद्देनजर उत्तराखंड में मिलावटखोरी के खिलाफ राज्यव्यापी विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत 7 मार्च 2025 को देहरादून के विकासनगर क्षेत्र में एक प्राइवेट वाहन (बलेनो) से पनीर और मावा का वितरण करते हुए पाया गया। जांच में पता चला कि यह सामान हरिद्वार जिले के मैंगलौर क्षेत्र की एक निर्माण इकाई से लाया गया था। सूचना मिलते ही खाद्य सुरक्षा आयुक्त उत्तराखंड के निर्देश पर 9 मार्च 2025 को क्विक रिस्पांस टीम ने उक्त निर्माण इकाई पर छापा मारा।
बिना लाइसेंस के चल रही थी फैक्ट्री, मौके पर ही 1 कुंटल पनीर नष्टः संयुक्त आयुक्त डॉ आर. के. सिंह के नेतृत्व में हरिद्वार जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी महिमानंद जोशी, वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी योगेंद्र पांडे, दिलीप जैन एवं पुलिस बल के साथ इस फैक्ट्री पर छापा मारा गया। निरीक्षण के दौरान फैक्ट्री में बिना लाइसेंस के बड़े पैमाने पर पनीर निर्माण हो रहा था। टीम ने लगभग 1 कुंटल मिलावटी पनीर, एडल्ट्रेट पाम ऑयल, रिफाइंड और अन्य हानिकारक केमिकल बरामद किए। प्रथम दृष्टया यह पनीर मिलावटी प्रतीत हुआ, जिसके बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने नियमानुसार इसका नमूना जांच हेतु प्रयोगशाला भेज दिया और जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 1 कुंटल पनीर को मौके पर ही नष्ट कर दिया। इसके अलावा फैक्ट्री के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है, क्योंकि यह इकाई बिना वैध लाइसेंस के संचालित हो रही थी।
आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार का कहना है कि प्रदेश में मिलावटखोरी के खिलाफ हमारी ज़ीरो टॉलरेंस नीति है। होली जैसे बड़े त्योहार पर आमजन को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि मिलावटखोरी में संलिप्त लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी का कहना है कि हमारी टीम लगातार बाजारों में खाद्य सामग्रियों की जांच कर रही है। इस छापेमारी में जो मिलावटी पनीर मिला है, उसकी प्रयोगशाला जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उपभोक्ताओं से अपील है कि यदि उन्हें किसी खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता पर संदेह हो, तो तुरंत खाद्य सुरक्षा विभाग को सूचित करें।

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