Uttarakhand

मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन ने आयोजित की मानवाधिकार गोष्ठी

देहरादून। मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन द्वारा निवर्तमान पार्षद (संगठन के प्रदेश महासचिव) देवेंद्र पाल सिंह मोंटी कोहली के ऑफिस में ’मानवाधिकार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मानवाधिकारों की जानकारी दी गयी। संगठन के पहचान पत्र आईडी दिये गए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जस्टिस राजेश टंडन रहे। इस अवसर पर उन्होंने सभी को इसकी जागरूकता के बारे में बताते हुए कहा कि मानवाधिकार वे मानक हैं जो सभी मनुष्यों की गरिमा को मान्यता देते हैं और उसकी रक्षा करते हैं। मानवाधिकार यह नियंत्रित करते हैं कि प्रत्येक मनुष्य समाज में और एक-दूसरे के साथ कैसे रहता है, साथ ही राज्य के साथ उनके संबंध और राज्य के उनके प्रति दायित्व भी।
अति विशिष्ट अतिथि अशोक वर्मा, केजी बहल ने कहा कि मानवाधिकार कानून सरकारों को कुछ काम करने के लिए बाध्य करता है, और कुछ करने से रोकता है। व्यक्तियों की भी ज़िम्मेदारियाँ हैं, अपने मानवाधिकारों का उपयोग करते समय, उन्हें दूसरों के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए। किसी भी सरकार, समूह या व्यक्ति को ऐसा कुछ करने का अधिकार नहीं है जो दूसरे के अधिकारों का उल्लंघन करता हो। इस अवसर पर संगठन के अध्यक्ष सचिन जैन ने कहा कि ये अधिकार हर व्यक्ति के लिए हैं, चाहे उनकी जाति, रंग, लिंग, भाषा, धर्म, राजनीतिक विश्वास, राष्ट्रीय या सामाजिक पृष्ठभूमि, संपत्ति या कोई अन्य स्थिति कुछ भी हो। दूसरे शब्दों में, मानवाधिकार सभी के लिए हैं और किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। इस अवसर पर पूर्व महापौर सुनील उनियाल गामा, प्रदेश अध्यक्ष मधु जैन, सुनील अग्रवाल, जितेंद्र डंडोना, प्रदीप नागलिया सारिका चौधरी एसपी सिंह  विपिन आहूजा  अरुणा चावला शब्दावली कौशिक डॉक्टर दिनेश शर्मा  पूनम मसीह विषम्भर नाथ बजाज स्थानीय निवासियों में सभी सीनियर सिटीजन लोग रजनीश मित्तल सतीश बलोदी एल आर कोठियाल खुशबीर सिंह अमरदीप जसमीत सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

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