Uttarakhand

सबसे ज्यादा टिहरी गढ़वाल जिले के थौलधार ब्लॉक में किया 300 लोगों ने रिवर्स पलायन

देहरादून,। उत्तराखंड पलायन आयोग में प्रदेश में वापस लौटे प्रवासियों को लेकर रिपोर्ट जारी की है। जिसमें आंकड़े काफी राहत देने वाले हैं। पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में अगस्त 2025 तक 6282 लोगों ने रिवर्स पलायन किया है। ये लोग लंबे समय से अपने गांव से दूर रह रहे थे। इन्होंने पिछले कुछ सालों में ही पलायन किया था।
रिवर्स प्लान करने वाले जिलों में सबसे ज्यादा 1213 लोगों ने पौड़ी जिले में रिवर्स पलायन किया है। वहीं इसके बाद अल्मोड़ा में 976 टिहरी में 827 और चमोली जिले में 760 लोगों ने रिवर्स पलायन किया है। रिवर्स पलायन करने वाले लोगों ने एग्रीकल्चर पशुपालन छोटे उद्योग हस्तशिल्प पर्यटन होमस्टे जैसे कारोबार में वापस लौट कर हाथ आजमाया है।
इस तरह से पूरे उत्तराखंड में 6282 लोगों ने रिवर्स पलायन किया है। वहीं इसके अलावा अगर रिवर्स पलायन करने वाले विकास करें तो सबसे ज्यादा टिहरी गढ़वाल जिले के थौलधार ब्लॉक में 300 लोगों ने रिवर्स पलायन किया है।
उत्तराखंड पलायन आयोग के उपाध्यक्ष शरद सिंह नेगी ने बताया उत्तराखंड के अलग-अलग गांव में देश और विदेशों से लौटे इन रिवर्स पलायन करने वाले लोगों को एकजुट करके पलायन आयोग इन सभी रिवर्स पलायन करने वाले लोगों का अनुभव लेंगे। साथ ही इन लोगों को एकजुट कर क्षेत्र में नए रोजगार और नए अपॉइंटमेंट मॉडल का भी डेटा कलेक्ट करके सरकार की योजनाओं में इनको शामिल करेंगे। जिससे इस तरह के रोजगार अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग कर सकें। उनके अनुभव से लोग सीख सकें।
रिवर्स पलायन के आंकड़ों में पलायन आयोग ने देश के बाहर विदेशों से वापस लौटने वाले प्रवासियों का भी आंकड़ा साझा किया है। रिपोर्ट के अनुसार देश के बाहर से कुल 169 लोगों ने रिवर्स पलायन किया है। इसमें से सबसे ज्यादा टिहरी जिले में 66 लोगों ने विदेश की धरती से वापस उत्तराखंड में रिवर्स पलायन किया है। वहीं इसके अलावा देश के अन्य राज्यों के अलावा राज्य के अन्य जिलों से और इस जिले के नजदीकी शहरों से भी लोगों ने वापस अपने गांव में रिवर्स पलायन किया है।
पलायन आयोग अध्यक्ष एसएस नेगी ने बताया आयोग ने पिछले तीन महीने में पूरे प्रदेश भर में सर्वे किया है। इसमें ऐसे गांवों को चिन्हित किया गया जहां पर लोगों ने रिवर्स पलायन किया है। उन्होंने कहा कि यह बेहद अच्छे संकेत है कि प्रदेश भर में 6000 से ज्यादा लोगों ने रिवर्स पलायन किया है। ये लोग अलग-अलग सेक्टर में नए तौर तरीकों के साथ काम कर रहे हैं। ये लोग बागवानी, मत्स्य पालन, पर्यटन के अलावा अन्य रोजगार के साधनों से अपनी आजीविका शुरू कर रहे हैं। यही नहीं इन लोगों ने अन्य को भी रोजगार देने का काम किया है।

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