लैंड जिहाद, अतिक्रमण देवभूमि में नहीं होंगे:सीएम धामी
देहरादून: लैंड जिहाद, अतिक्रमण देवभूमि में नहीं होंगे। जो हुए हैं उसपर कार्रवाई की जाएगी। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से रेसकोर्स स्थित श्री गुरु नानक पब्लिक महिला इंटर कालेज के मैदान में श्रीमद् देवी भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह बाते कहीं।
माता पिता बच्चोंं को पढ़ाई के लिए भेजते हैं लेकिन उनमें से कई नशे की लिप्त में आ जाते हैं। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से पर्यावरण, नशामुक्ति को संदेश देते कार्य सराहनीय हैं। वहीं उन्होंने कहा कि बदरीनाथ में मास्टर प्लान हो अथवा गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए रोपवे इन पर सरकार प्रमुखता से कार्य कर रही है।
देवभूमि को इस्लामिक राज्य बनाने का षड्यंत्र: स्वामी यतीन्द्रानन्द
वहीं जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरी ने कहा कि उत्तराखंड में सनातन हिंदू संस्कृति के अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकार की गतिविधियों को प्रतिबंधित किया जाए। ऐसा कानून प्रदेश में आना चाहिए तभी उत्तराखंड सुरक्षित रह सकेगा। कहा कि जिन्होंने भी अवैध रूप से मजार बनाई हैं या अवैध रूप से वह उत्तराखंड में रह रहे हैं उन सब पर कानून के तहत मुकदमा और कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
इसके अलावा जिन-जिन विभागों की भूमि पर अवैध मजारे बन गई हैं और अधिकारी देखते रह गए, उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरी ने बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रीय चैनलों द्वारा प्रमाण सहित दिखाया जा रहा है कि किस प्रकार से उत्तराखंड में हजारों की संख्या में अवैध मजार बना दी गई हैं और सभी मजारे सरकारी भूमि पर बनाई गई हैं। वन विभाग, सिंचाई विभाग, रेलवे, पीडब्ल्यूडी, ग्राम सभा और नगर पंचायत की भूमि पर हजारों की संख्या मजार बनी हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में दो प्रकार के जिहाद चल रहे हैं। एक मजारे जिहाद तथा दूसरा भूमि जिहाद। इसके जरिए उत्तराखंड की भूमि पर कब्जा किया जा रहा है। आरोप लगाया कि बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमान, बांग्लादेशी मुसलमान और उत्तराखंड से लगते आसपास के जनपदों के मुसलमान षड्यंत्र के तहत उत्तराखंड राज्य में प्रवेश कर रहे हैं।
बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से हुई वार्ता में उन्होंने इसे संज्ञान में लिया है और हजारों मजारों को चिह्नित कराया है। जो अवैध हैं उनको तुड़वाया भी जा रहा है। जहां-जहां भी अवैध मजारे बनी हुई हैं उन सभी को हटाया जाना जरूरी है।
स्वामी यतींद्रानंद ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है। यहां बद्रीनाथ केदारनाथ जैसे दिव्य धाम हैं। गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदी है, हिमालय जैसा पवित्र पर्वत है जहां तपस्वी, साधकों व योगियों ने धर्म और अध्यात्म की उच्चता को पाया है। कहा कि भारत का साधु समाज एवं प्रदेश का समाज उत्तराखंड राज्य को सनातन हिंदू संस्कृति के लिए संरक्षित राज्य घोषित करने की मांग करता है।