नई दिल्ली। दुनियाभर में इस समय कोरोना के एक नए वेरिएंट की चर्चा हो रही है। इसका नाम ‘क्रैकेन (Kraken) है जो कि ऑमिक्रॉन XBB का सबवैरिएंट XBB.1.5 है। दरअसल, इस वेरिएंट को अब तक का सबसे तेजी से फैलने वाला वेरिएंट बताया जा रहा है। ये हम नहीं हाल ही में आया विश्व स्वास्थ्य संगठन का बयान बताया जा रहा है। इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया है कि ओमिक्रोन के इस सब वेरिएंट की पहचान लगभग 28 देशों में की गई है। इससे संभावना जताई जा रही है कि आगे चल कर ये और तेजी से फैल सकता है। इसके अलावा भी इसके बारे में बहुत कुछ बताया गया है, आइए जानते हैं विस्तार से।
XBB.1.5 को ‘Kraken’ नाम क्यों दिया गया है?
दरअसल, बहुत से लोग इस बारे में जानना चाहते हैं कि आखिरकार ऑमिक्रॉन XBB वेरिएंट के सबवैरिएंट XBB.1.5 को Kraken नाम क्यों दिया गया है। तो, बता दें कि WHO द्वारा बुलाई गई एक विशेषज्ञ समूह द्वारा ये नाम दिया गया है। ‘Kraken’ असल में ग्रीक पौराणिक कथाओं (greek mythology) में एक समुद्री राक्षस का नाम है।
अमेरिका में 41% कोविड मामले Kraken के
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में 41 प्रतिशत मामले Kraken के हैं। अमेरिका के बाद यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में भी इसके मामले पाए गए हैं।
क्यों बताया जा रहा है सबसे ज्यादा संक्रामक?
WHO की कोविड-19 तकनीकी प्रमुख मारिया वैन केरखोव की मानें तो 29 देशों में इनके मामले पाए गए हैं। वैज्ञानिकों ने बताया कि उप-वैरिएंट में वायरस के लिए एक प्रमुख रिसेप्टर ACE2 के लिए अधिक मजबूत संबंध है, जो इसे अधिक आसानी से बांधने और इसे तेजी से फैलाता है। इसके अलावा XBB.1.5 वेरिएंट इम्यून सिस्टम से भी बच जा रहा है। इसका मतलब है कि यह शरीर की नेचुरल इम्यूनिटी या टीकों द्वारा प्रदान की गई इम्यूनिटी से बच सकता है और लोगों को फिर से संक्रमित कर सकता है।